Tuesday, January 10, 2012

दिल से कोसिस की उसका नाम मिटाने की



फिर से ये मायूस अंधेरा छटने लगा तो अच्छा लगा,
ध्यान उनकी यादों से हटकर बटने लगा तो अच्छा लगा,
यु तो तैरने को बहुत हाथ पाँव मरे हमने,,,,,,
जब समंदर का पानी खुद ब खुद हटने लगा तो अच्छा लगा...
जो शख्स कहकर गए थे कि नफरत ह मुझसे
आज वही मेरा नाम रटने लगे तो अच्छा लगा,
दिल से कोसिस की उसका नाम मिटाने की,
ये नाम खुद ही मिटने लगा तो अच्छा लगा,
मोहब्बत का तूफान मुझे उडाता रहा यहाँ वहाँ,
ये तूफान मेरी बाँहों में सिमटने लगा तो अच्छा लगा
जिसकी वजह से आज मैं जलने को तैयार हूँ,
मेरी अर्थी से वो रोकर लिपटने लगी तो अच्छा लगा,
कोसिस नाकाम रही मैं फिर से जी सकू,
उसके छूने से साँस अटकने लगी तो अच्छा लगा.

Sunday, September 4, 2011

खुदा ने जब इश्क़ बनाया होगा



खुदा ने जब इश्क़ बनाया होगा
तो खुद भी ज़रूर आजमाया होगा
हमारी तो औकात ही क्या है
इस इश्क़ ने खुदा को भी ज़रूर रुलाया होगा

झूठी मुस्कान लिए दर्द छुपाते रहे



ना ज़िन्द्दगी मिली न वफ़ा मिली,
क्यों हर ख़ुशी हमसे खफा मिली,
झूठी मुस्कान लिए दर्द छुपाते रहे,
सच प्यार करने की क्या खूब सजा मिली

Tuesday, August 2, 2011

मिटा देते सनम तेरे दर्द को सीने से



हर जख्म किसी ठोकर की मेहरबानी है,
मेरी ज़िंदगी एक कहानी है,
मिटा देते सनम तेरे दर्द को सीने से,
पर ये दर्द ही तो तेरी आखरी निशानी है.

Monday, August 1, 2011

हर याद पर दिल का दर्द ताज़ा हुआ



हर मुलाक़ात पर वक़्त का तकाज़ा हुआ,
हर याद पर दिल का दर्द ताज़ा हुआ,
सुनी थी सिर्फ ग़ज़लों में जुदाई की बातें,
जब खुद पर बीती तो हक़ीक़त का अंदाज़ा हुआ..

Friday, April 29, 2011

टूटे हुए दिल का मुरब्बा बना गई



टूटे हुए दिल का मुरब्बा बना गई
घर को मेरे कचरे का डब्बा बना गई,
निकाह के 3 महीने भी ना गुजरे थे,
ना जाने किस हिसाब से वो मुझे अब्बा बना गई

Friday, April 1, 2011

क्यों प्यार करके भूल जाते है लोग



क्यों प्यार करके भूल जाते है लोग,
बिच मेहफिल में अक्सर छोड़ जाते है लोग.
न निभाना था साथ जब उम्र भर का.
क्यों दगा देके दुसरो को बेवफा कह जाते है लोग.

तुझे खोना भी मुश्कील है, तुझे पाना भी मुश्कील है !

तुझे खोना भी मुश्कील है, तुझे पाना भी मुश्कील है. जरा सी बात पर आंखें भीगो के बैठ जाते हो, तुझे अब अपने दील का हाल बताना भी मुश्किल है...