Tuesday, October 26, 2010

खुशियों से नाराज़ है मेरी ज़िन्द्दगी



खुशियों से नाराज़ है मेरी ज़िन्द्दगी,
प्यार का मोहताज है मेरी ज़िन्द्दगी,
हंस लेते है दुनिया को दिखाने के लिए,
वरना दर्द की एक खुली किताब है मेरी ज़िन्द्दगी.

1 comment:

shayari said...

Ishq ke rashto me judai na mili hoti,
Hume Pyaar me ye bewafai na mili hoti,
khush hote hum bhi auro ki tarah,
Agar hume unse ye ruswai na mili hoti

तुझे खोना भी मुश्कील है, तुझे पाना भी मुश्कील है !

तुझे खोना भी मुश्कील है, तुझे पाना भी मुश्कील है. जरा सी बात पर आंखें भीगो के बैठ जाते हो, तुझे अब अपने दील का हाल बताना भी मुश्किल है...