Friday, April 1, 2011

क्यों प्यार करके भूल जाते है लोग



क्यों प्यार करके भूल जाते है लोग,
बिच मेहफिल में अक्सर छोड़ जाते है लोग.
न निभाना था साथ जब उम्र भर का.
क्यों दगा देके दुसरो को बेवफा कह जाते है लोग.

Wednesday, March 9, 2011

कभी थी मिलने की तमन्ना आपसे



आज न जाने क्यों आँखों में आँसू आ गया?
लिखते लिखते वो ख़्वाब याद आ गया?
कभी थी मिलने की तमन्ना आपसे...
न जाने क्यू ,आंसुओ में आपकी तस्वीर बन गयी.

हम तो मोहताज है आपकी एक दीदार के लिए



सौ बेवफ़ाई कबूल है एक वफ़ा के लिए,
सौ ऑंसू कबूल है एक हंसी के लिए,
हम तो मोहताज है आपकी एक दीदार के लिए,
सौ दुशमन कबूल है आपके प्यार के लिए !!

हम तोह दोस्तों की वफ़ा से डरते हैं



गुनाह करके सजा से डरते है
ज़हर पी के दवा से डरते है
दुश्मनों के सितम का खौफ नहीं
हम तोह दोस्तों की वफ़ा से डरते हैं,

Tuesday, March 8, 2011

एक दोस्त न मिला गम भुलाने के लिए


काफी है सपने दिल को बहलाने के लिए,
मोहब्बत करलो दिल को दुखाने के लिए,
चाहे भले रखना पड़े गम से वास्ता
एक दोस्त न मिला गम भुलाने के लिए !

माँगा था प्यार में ज़िंदगी तुम से

 
एक एक कदम पे इतने इम्तिहान किस लिए
इतने सारे दर्द, और एक इंसान,किस लिए.
सब के अंदर अच्छा बुरा दोनों मौजूद हैं
अक्सर जीत जाता है शैतान किस लिए
मेरा नहीं है सब कुछ, है तेरा दिया हुआ
हो जाता है फिर किसी को गुमान किस लिए
माँगा था प्यार में ज़िंदगी तुम से,
पर दिया तूने प्यार में मौत किस लिए

ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम से रोना आया.



ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम से रोना आया.
ना जाने क्यों आज तेरे नाम से रोना आया,
यु तो हर शाम उम्मीद में गुज़र जाती हैं.
आज कुछ बातें याद आयी तो शाम पे रोना आया.
कभी तक़दीर, कभी मातम,कभी दुनिया का गिला,
मंज़िल-इ-इश्क़ के हर काम पे रोना आया
जब हुआ ज़माने में मोहब्बत का ज़िक्र.
मुझे अपने दिल-इ-नाकाम पे रोना आया

तुझे खोना भी मुश्कील है, तुझे पाना भी मुश्कील है !

तुझे खोना भी मुश्कील है, तुझे पाना भी मुश्कील है. जरा सी बात पर आंखें भीगो के बैठ जाते हो, तुझे अब अपने दील का हाल बताना भी मुश्किल है...